Jharkhand Poto Ho Khel Vikas Yojana पोटो हो खेल विकास योजना

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Jharkhand Poto Ho Khel Vikas Yojana

सूबे में मजदूरों को काम के लिए सोमवार को तीन नई योजनाएं शुरू करने का ऐलान किया गया। इन योजनाओ के माध्यम से राज्य में लौट रहे छह लाख मजदूरों को भी रोजगार उपलब्ध होगा। ये हैं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलाम्बर पीताम्बर जल-समृद्धि योजना और वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना।

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रोजेक्ट भवन में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि इन योजनाओं की मदद से करीब 25 करोड़ मानव कार्य दिवस का इंतजाम होगा। अगले पांच वर्षों में लाखों मजदूरों के खाते में 20 हजार करोड़ का भुगतान होगा। इससे न सिर्फ ग्रामीण अर्थव्यवस्था पुनर्जीवित  होगी बल्कि कुपोषण का कलंक भी धुलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की चुनौती के बीच सीमित संसाधनों से स्वास्थ्य सेवा, फंसे मजदूरों की घर वापसी और रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।

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झारखंड पोटो हो खेल विकास योजना

मुख्यमंत्री ने कहा कि वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के तहत सरकार हर पंचायत में खेल का मैदान तैयार करेगी। इसके तहत सरकार खिलाड़ियों की प्रतिभा निखारेगी। राज्य में खेल कोटा से आरक्षण के माध्यम से नौकरी का प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां के खिलाड़ी पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों से भी बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता रखते हैं। बस उसे निखारने की आवश्यकता है। इस योजना का नाम वीर शहीद पोटो हो करने का उद्देश्य वर्तमान और आने वाली पीढ़ी को वीर शहीद की वीरता से अवगत भी कराना है। वीर शहीद पोटो हो ने सिंहभूम में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंका था। एक जनवरी 1838 को सेरेंगसिया घाटी में वीर शहीद पोटो हो शहीद हो गए थे।

भूमिगत जल का संवर्धन करना जरूरी है: मुख्यमंत्री ने बताया कि नीलाम्बर पीताम्बर जल समृद्धि योजना के माध्यम से पांच लाख करोड़ लीटर जल वृद्धि की योजना है। ताकि गढ़वा, पलामू, लातेहार जैसे सूखाग्रस्त जिलों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। कहा कि भूमिगत जल का संवर्धन आज के समय की जरूरत है। योजना के माध्यम से राज्य के बंजर भूमि को खेती योग्य बनाना है। मौके पर ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर के अलावा मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का आदि मौजूद थे।

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झारखंड बिरसा हरित ग्राम योजना

पांच लाख परिवारों को सौ-सौ फलदार पौधे का पट्टा, राजभर में पांच करोड़ पौधों का रोपण, अगले पांच साल तक पौधों को सुरक्षित रखने के लिए भी सहयोग, प्रखंड एवं जिला स्तर पर प्रसंस्करण इकाई की स्थापना, उत्पाद को सुगम रूप से बाजार उपलब्ध कराने के लिए व्यवस्था, प्रत्येक परिवार को पचास हजार रुपये की निश्चित वार्षिक आमदनी, मनरेगा के तहत 25 करोड़ मानव दिवस का सृजन।

झारखंड जल समृद्धि योजना

जल संरक्षण के विभिन्न अब संरचनाओं का निर्माण, राज्य की वार्षिक जल संरक्षण क्षमता में पांच लाख करोड़ लीटर की वृद्धि, मनरेगा के तहत 10 करोड़ मानव दिवस का सृजन एवं पांच लाख एकड़ बंजर भूमि का संवर्धनाएं जो शुरू हुईं

प्रवासी मजदूरों के लिए शुरू हुई योजनाओं का लाभ

  • 50 हजार सालाना आमदनी होगी एक परिवार की
  • हर साल पांच लाख करोड़ लीटर वर्षा जल का भंडारण
  • पांच हजार खेल के मैदान बनेंगे, नौकरी में खेल कोटा आरक्षण

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