Rajasthan Mukhyamantri Krishak Sathi Yojana 2024 कृषक साथी

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Rajasthan Mukhyamantri Krishak Sathi Yojana 2024

राजस्थान सरकार ने राजस्थान बजट 2022-23 में मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना का दायरा बढ़ा दिया है। इस योजना के माध्यम से, राज्य सरकार का लक्ष्य किसानों की आय बढ़ाकर और कृषक समुदाय को आजीविका के अवसर प्रदान करके कृषि क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देना है। सीएम अशोक गहलोत ने वर्ष 2022-23 के लिए सीएम कृषक साथी योजना के लिए बजटीय आवंटन 2,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5000 करोड़ रुपये कर दिया है। इस लेख में हम आपको राजस्थान किसान साथी योजना की पूरी जानकारी के बारे में बताएंगे।

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हमारी सरकार हमेशा से ही किसान हितैषी रही है और हमारा मुख्य ध्येय रहा है कि कृषकों की आय एवं आजीविका के साधनों में बढ़ोतरी हो सके। हमारा लक्ष्य किसान भाइयों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करते हुए आगामी 5 वर्षों में राजस्थान को कृषि के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल कराना है। पिछले बजट में कृषक कल्याण कोष के अंतर्गत मैंने 2 हजार करोड़ रुपये की मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना’ की घोषणा की थी। अब मैं, इसी कड़ी में किसानों को और अधिक मजबूती प्रदान करने के लिए इस योजना को वृहद् रूप देते हुए मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना की राशि को 2 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5 हजार करोड़ रुपये करने की घोषणा करता हूँ। इस योजना के अंतर्गत कृषि व इससे संबंधित सभी क्षेत्रों की योजनाओं को अधिक प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के लिए Mission Mode पर कार्य किया जाना प्रस्तावित है। ये 11 Mission हैं

  • राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन
  • राजस्थान जैविक खेती मिशन
  • राजस्थान बीज उत्पादन एवं वितरण मिशन
  • राजस्थान मिलेट्स प्रोत्साहन मिशन
  • राजस्थान संरक्षित खेती मिशन
  • राजस्थान उद्यानिकी विकास मिशन
  • राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन
  • राजस्थान भूमि उर्वरकता मिशन
  • राजस्थान कृषि श्रमिक संबल मिशन
  • राजस्थान कृषि तकनीक मिशन
  • राजस्थान खाद्य प्रसंस्करण मिशन

इस प्रकार इन Thematic Areas के आधार पर कृषि के क्षेत्र में चहुंमुखी विकास को सुनिश्चित करने का प्रयास किया जायेगा।

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Mission-1 : राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन (Rajasthan Micro Irrigation Mission)

आगामी वर्ष लगभग 2 हजार 700 करोड़ रुपये की राशि से राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन शुरू करना प्रस्तावित किया जा रहा है। इससे 5 लाख से अधिक किसान लाभान्वित होंगे। इस मिशन के अंतर्गत आगामी 3 वर्षों में:-

  • Drip/Sprinkler से सिंचाई की व्यवस्था हेतु 4 लाख से अधिक किसानों को एक हजार 705 करोड़ रुपये एवं 50 हजार किसानों को 20 हजार किलोमीटर में सिंचाई पाइप लाइन बिछाने हेतु 100 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जायेगा।
  • फार्म पॉण्ड निर्माण के लिए 45 हजार कृषकों को 375 करोड़ रुपये, डिग्गियों के निर्माण के लिए 15 हजार किसानों को 450 करोड़ रुपये तथा 300 सामुदायिक जल स्रोतों के लिए 60 करोड़ रुपये का अनुदान उपलब्ध करवाया जायेगा।
  • Micro Irrigation से संबंधित research एवं training की व्यवस्था के लिए सभी संभागीय मुख्यालयों पर 5-5 करोड़ रुपये की लागत से Centre of Excellence for Micro Irrigation स्थापित किये जाने प्रस्तावित हैं।

Mission-2: राजस्थान जैविक खेती मिशन (Rajasthan Organic Farming Mission)

आमजन के बेहतर स्वास्थ्य एवं कृषकों का प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ते रूझान को ध्यान में रखते हुए मेरे द्वारा वर्ष 2019-20 में जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग की घोषणा की गयी थी। इसी कड़ी में अब ‘मुख्यमंत्री जैविक खेती मिशन’ शुरू किया जाना प्रस्तावित है। आगामी 3 वर्षों में इससे लगभग 4 लाख किसान लाभान्वित होंगे। मिशन के अंतर्गत 600 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है। इसके तहत

  • कृषकों को जैविक बीज, जैव उर्वरक एवं कीटनाशी उपलब्ध करवाते हुए जैविक खेती हेतु 3 लाख 80 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की वृद्धि की जायेगी।
  • जैविक खेती का पूरा लाभ कृषकों को तभी मिल सकता है, जब उनके उत्पाद मान्यता प्राप्त संस्थान से प्रमाणित हों। इस दृष्टि से Organic Commodity Board का गठन किया जाकर संभाग स्तरीय प्रमाणीकरण Labs स्थापित की जायेंगी। इस हेतु 15 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है।

Mission-3: राजस्थान बीज उत्पादन एवं वितरण मिशन (Rajasthan Seed Production and Distribution Mission)

बीज उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ लघु एवं सीमांत कृषकों को निःशुल्क बीज उपलब्ध कराने की दृष्टि से राजस्थान बीज उत्पादन एवं वितरण मिशन’ प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है। इस मिशन के तहत

  • बीज स्वावलम्बन योजना के आकार को दोगुना कर आगामी 2 वर्षों में 50 हजार किसानों को लाभान्वित किया जायेगा। इस हेतु 30 करोड़ रुपये का व्यय कर 9 लाख क्विंटल बीज का उत्पादन करवाया जायेगा।
  • 12 लाख लघु सीमांत कृषकों को प्रमुख फसलों के प्रमाणित किस्मों के बीज के मिनीकिट निःशुल्क उपलब्ध करवाये जायेंगे। इस पर 78 करोड़ रुपये व्यय होंगे। ये बीज मिनीकिट हैं:-
  1. 8 लाख कृषकों को संकर मक्का के,
  2. 2 लाख कृषकों को मूंग, मोठ, उड़द के तथा
  3. 2 लाख कृषकों को सरसों बीज के मिनीकिट उपलब्ध करवाये जायेंगे।
  • 3 लाख पशुपालक कृषकों को हरा चारा यथा- ज्वार, बाजरा, रिजका, बरसीम एवं जई के बीज के मिनीकिट उपलब्ध करवाये जायेंगे। इस पर 9 करोड़ रुपये का व्यय होंगे।

Mission-4: राजस्थान मिलेट्स प्रोत्साहन मिशन (Rajasthan Millets Promotion Mission)

प्रदेश में मिलेट्स यथा- बाजरा, ज्वार व छोटे अनाजों (Coarse Grains) आदि की खेती को प्रोत्साहित करने तथा राज्य को Millet Hub के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से राजस्थान मिलेट्स प्रोत्साहन मिशन शुरू करना प्रस्तावित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत आगामी वर्ष में लगभग 100 करोड़ रुपये व्यय कर लगभग 15 लाख किसानों को लाभान्वित किया जायेगा:-

  • 10 लाख लघु एवं सीमांत किसानों को 25 करोड़ रुपये व्यय कर उन्नत किस्मों के बीज निःशुल्क एवं 2 लाख किसानों को Micro Nutrients व Bio Pesticide Kit अनुदानित दर पर 20 करोड़ रुपये का व्यय कर उपलब्ध कराये जायेंगे।
  • Millets की प्रथम 100 Processing Units की स्थापना हेतु 40: करोड़ रुपये का अनुदान दिया जायेगा।
  • बाजरा व अन्य मिलेट्स के संवर्द्धन प्रोत्साहन व नवीनतम तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराने की दृष्टि से जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत 5 करोड़ रुपये की लागत से Centre of Excellence for Millets की स्थापना की जायेगी।

Mission-5: राजस्थान संरक्षित खेती मिशन (Rajasthan Protected Cultivation Mission)

संरक्षित खेती हेतु आधुनिक तौर-तरीके एवं तकनीक को अपनाये जाने तथा गैर-मौसमी फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए राजस्थान संरक्षित खेती मिशन प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है। इसके तहत आगामी 2 वर्षों में 25 हजार किसानों को ग्रीन हाउस/शेडनेट हाउस / लो टनल की स्थापना के लिए लगभग 400 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जायेगा। पहले चरण में आगामी वर्ष 10 हजार किसानों को लाभान्वित किया जायेगा। साथ ही अधिसूचित जनजाति क्षेत्र के कृषकों को 25 प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी दी जायेगी।

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Mission-6: राजस्थान उद्यानिकी विकास मिशन (Rajasthan Horticulture Development Mission)

फल बगीचों की स्थापना, सब्जियों, फूलों, बीजीय मसालों एवं औषधीय फसलों के उत्पादन हेतु क्षेत्र विस्तार के लिए ‘राजस्थान उद्यानिकी विकास मिशन प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है, जिसमें 15 हजार किसानों को लाभान्वित करने हेतु 100 करोड़ रुपये की लागत से आगामी 2 वर्षों में

  • 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फल बगीचे विकसित करने के लिए 10 हजार किसानों को अनुदान दिया जायेगा। साथ ही, अनुदान की वर्तमान सीमा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत किया जाना प्रस्तावित है।
  • मसाला फसलों का 3 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में और विस्तार करवाया जायेगा तथा औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए एक हजार 500 हेक्टेयर क्षेत्रफल का विस्तार किया जायेगा। इससे 5 हजार किसान लाभान्वित होंगे।

Mission-7: राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन (Rajasthan Crop Protection Mission)

नीलगाय व आवारा पशुओं से फसलों को होने वाले नुकसान से बचाव व रोकथाम के लिए राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन शुरू किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत:-

  • आगामी 2 वर्षों में एक करोड़ 25 लाख मीटर तारबंदी पर 100 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाकर 35 हजार से अधिक किसान लाभान्वित किया जायेगा।
  • तारबंदी योजना में 3 किसानों को एक Unit मानने की शर्त को समाप्त कर Individual किसान को लाभ देने व न्यूनतम क्षेत्रफल की सीमा को 1.5 हेक्टेयर किये जाने की घोषणा करता हूँ।

Mission-8: राजस्थान भूमि उर्वरकता मिशन (Rajasthan Land Fertility Mission)

लवणीय (Saline) व क्षारीय (Alkaline) भूमि में सुधार तथा हरी खाद के प्रयोग से भूमि उर्वरता बढ़ाने हेतु ‘राजस्थान भूमि उर्वरकता मिशन शुरू किया जाना प्रस्तावित है। इससे आगामी 2 वर्षों में लगभग 2 लाख 25 हजार किसान लाभान्वित होंगे। इसके तहत

  • जिप्सम के प्रयोग से 22 हजार हेक्टेयर क्षारीय भूमि का 11 करोड़ रुपये की लागत से सुधार किया जायेगा। इससे 25 हजार किसान लाभान्वित होंगे।
  • हरी खाद (Green Manure) उत्पादन हेतु 2 लाख किसानों को ढैचा बीज के मिनीकिट निःशुल्क उपलब्ध करवाये जायेंगे। इस पर 14 करोड़ रुपये व्यय किये जायेंगे।

Mission-9: राजस्थान कृषि श्रमिक संबल मिशन (Rajasthan Agricultural Labourers Empowerment Mission)

कृषि कार्यों में भूमिहीन श्रमिकों की महती भूमिका को ध्यान में रखते हुए ‘राजस्थान कृषि श्रमिक संबल मिशन’ शुरू किया जाना प्रस्तावित है, इसके अंतर्गत कृषि कार्यों में लगे हुए Landless Labourers हेतु

  • वर्ष 2022-23 में 2 लाख श्रमिकों को हस्तचालित कृषि यंत्र खरीदने के लिए 5 हजार रुपये प्रति परिवार अनुदान दिये जाने की घोषणा करता हूँ। इस हेतु 100 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है।
  • आगामी 2 वर्षों में एक लाख श्रमिकों की Skill and Capacity Building हेतु प्रशिक्षण दिया जायेगा।

Mission-10: राजस्थान कृषि तकनीक मिशन (Rajasthan Agri-Tech Mission)

कृषि उत्पादन में वृद्धि, आदान लागत में कमी तथा कम समय में अधिक कार्य करने के साथ-साथ किसानों की आय बढ़ाने हेतु कृषि यंत्रीकरण (Farm Mechanization) को बढ़ावा दिया जाना आवश्यक है। इसके लिए राजस्थान कृषि तकनीक मिशन प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है। इसके अंतर्गत लगभग 400 करोड़ रुपये की राशि से आगामी 2 वर्षों में

  • 60 हजार किसानों को कृषि यंत्रों पर 150 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जायेगा।
  • कृषकों को महंगे यंत्र उपकरण यथा-ट्रैक्टर, थ्रेसर, रोटोवेटर, रीपर, सीड ड्रिल आदि उपलब्ध कराने की दृष्टि से GSS/FPO के माध्यम से एक हजार 500 कस्टम हायरिंग सेन्टर और स्थापित करने की घोषणा करता हूँ। इस हेतु 150 करोड़ रुपये का व्यय किया जायेगा।
  • पौध रसायनों के समुचित उपयोग, निगरानी, कृषि संबंधी अन्य कार्यों व टिड्डी नियंत्रण में ड्रोन तकनीक के उपयोग हेतु आगामी वर्ष में कृषक उत्पादन संगठन (FPO) तथा कस्टम हायरिंग केन्द्रों को एक हजार ड्रोन उपलब्ध कराये जायेंगे। इस पर 40 करोड़ रुपये का व्यय प्रस्तावित है।
  • किसान कॉल सेंटर एवं किसान साथी पोर्टल को वृहद रूप देते हुए 50 करोड़ रुपये की लागत से IT/ Mobile App आधारित Integrated Farmer Support System लागू किया जायेगा।

Mission-11: राजस्थान खाद्य प्रसंस्करण मिशन (Rajasthan Food Processing Mission)

राज्य में कृषि जिन्सों के बढ़ते हुए उत्पादन, मूल्य संवर्द्धन व निर्यात प्रोत्साहन को ध्यान में रखते हुए ‘राजस्थान खाद्य प्रसंस्करण मिशन’ प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है। इसके अंतर्गत

  • लहसुन के लिए प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, कोटा, बारां; अनार के लिए बाड़मेर एवं जालोर, संतरे के लिए झालावाड़ एवं भीलवाड़ा; टमाटर व आंवले के लिए जयपुर एवं सरसों के लिए अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर जिलों में Processing Units को 50 प्रतिशत (अधिकतम 1 करोड़ रुपये तक) का अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है। जोधपुर संभाग में जीरा व इसबगोल की निर्यात आधारित प्रथम 10 प्रसंस्करण इकाइयों को पूंजीगत अनुदान में लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 2 करोड़ रुपये की सहायता दी जायेगी।
  • मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित करने हेतु अनुदान के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान करते हुए 5 हजार कृषकों को लाभान्वित किया जायेगा। साथ ही, भरतपुर में 7 करोड़ 50 लाख रुपये की लागत से Centre of Excellence for Apiculture की स्थापना की जायेगी एवं शहद के गुणवत्ता परीक्षण हेतु मोबाइल Lab भी संचालित की जायेगी। इसके अतिरिक्त श्रीगंगानगर जिले में शहद परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की जायेगी।
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